झूठा Breakdown: Charts में डर को पढ़ना

एक खोया हुआ मौका
पुणे में बारिश वाली एक शाम थी। बस स्टॉप के पास एक चाय की दुकान की छत से पानी टपक रहा था और traffic धीरे-धीरे गड्ढों से गुज़र रहा था। चालीस के पार पहुँच चुके सुरेश, जो एक Civil Contractor हैं, अपने फ़ोन को देख रहे थे। वह उन charts को scroll कर रहे थे जिन्हें वह अब और देखना नहीं चाहते थे।
उनके सामने उनका पड़ोसी निखिल खड़ा था, जो एक Market Operations Analyst के तौर पर काम करता है। वे अक्सर काम और ज़िंदगी के बारे में बात करने के लिए यहीं मिलते हैं। आज सुरेश थोड़े हारे हुए से लग रहे थे।
सुरेश ने अपनी उदासी की वजह बताई। “मैंने आज अपना स्टॉक बेच दिया। इसने Support को बहुत ही साफ़ तरीक़े से तोड़ दिया था (Breakdown)। ग्रुप पर सब कह रहे थे कि अब इसका काम खत्म हो गया।”
निखिल ने पूछा, “और फिर क्या हुआ?”
सुरेश ने जवाब दिया। “वह बहुत तेज़ी से Reverse हुआ और ऊपर जाकर बंद हुआ। मैंने बिल्कुल Bottom पर Exit किया।”
निखिल ने चाय की एक लंबी चुस्की ली। “वह move शायद random नहीं था। जो तुमने देखा, वह मुमकिन है कि एक Wyckoff Spring था।”
सुरेश उलझन में दिखे। “मैंने नाम तो सुना है, पर मैं इसे पूरी तरह समझता नहीं हूँ।”
निखिल ने कहा, “तो फिर आज का दिन अच्छा है, क्योंकि इस तरह की situations को समझने के लिए अक्सर इसी Pattern को study किया जाता है।”
वो Breakdown जो असली नहीं है
निखिल ने बात जारी रखी, “एक Wyckoff Spring आमतौर पर एक लंबे Consolidation Phase के अंत में दिखाई देता है। Price हफ़्तों या महीनों तक एक ही दायरे में चलता रहता है। Volume सूख जाता है। Traders बोर होने लगते हैं।”
सुरेश ने सिर हिलाया। “वह स्टॉक भी हमेशा के लिए एक ही Range में फँसा हुआ था।”
“बिल्कुल,” निखिल ने कहा। “फिर अचानक Price Support के नीचे टूट जाता है। यह बहुत ही साफ़ दिखता है। Candles नीचे बंद होती हैं। Support के नीचे लगाए गए Stop Losses Trigger हो जाते हैं। डर तेज़ी से फैलने लगता है।”
“पर यहाँ एक ऐसी चीज़ है जिसे बहुत से लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं,” निखिल ने आगे कहा। “एक Potential Spring के दौरान, Breakdown Candle की Range तो बड़ी हो सकती है, पर उसके बाद नीचे की तरफ़ मूव (move) जारी नहीं रहता (Limited Follow-through)। अगली Candles को और नीचे जाने में संघर्ष करना पड़ता है। Breakdown पर Volume अक्सर बढ़ता नहीं है। यह इशारा है कि Selling Pressure कमज़ोर पड़ रहा है।”
सुरेश ने कहा। “यानी मार्केट कमज़ोर दिखता है, पर बेचने वाले कम हो रहे होते हैं।”
“हाँ,” निखिल ने कहा। “बड़े Participants Price को सिर्फ़ इतना ही नीचे धकेलते हैं ताकि Supply को test किया जा सके। एक बार जब Selling Interest ख़त्म हो जाता है, तो Price वापस Support के ऊपर आ सकता है। वह Reclaim ही सबसे बड़ी confirmation है जिसका traders इंतज़ार करते हैं।”

चार्ट की बारीकियाँ
निखिल ने एक छोटा काग़ज़ निकाला और एक साधारण rectangle बनाया। “यह तुम्हारी Trading Range है। Support Area को एक line के बजाय एक Zone की तरह मार्क करो। Springs अक्सर उस Zone से थोड़ा नीचे जाते हैं, ज़्यादा दूर नहीं।”
उसने बॉक्स (box) के नीचे एक पूँछ (tail) बनाई। “यह नीचे की Wick बहुत मायने रखती है। यह Rejection दिखाती है। अगर Price एक या दो Candles के अंदर ही वापस Range में बंद हो जाता है, तो Structure बदलना शुरू हो जाता है।”
सुरेश ने पुछा। “Indicators के बारे में क्या?”
“Volume बहुत ज़रूरी है,” निखिल ने कहा। “ज़्यादातर Springs में, Volume Breakdown के बजाय Recovery पर बढ़ता है। Momentum Indicators भी मदद कर सकते हैं। RSI कभी-कभी Spring के दौरान Bullish Divergence दिखाता है। Price एक नया Lower Low बनाता है, पर RSI नहीं। यह एक शुरुआती Clue हो सकता है।”
उसने आगे कहा, “कुछ traders एक Test का भी इंतज़ार करते हैं। Spring के बाद, Price शायद फिर से Support Area के पास आए, पर इस बार उसे तोड़े नहीं। कम Volume वाला Test संकेत दे सकता है कि यहाँ Accumulation हो रहा है।”
सुरेश की आँखें फटी की फटी रह गईं। “इसका मतलब मुझे Breakdown पर तुरंत कोई कदम नहीं उठाना चाहिए था।”
“नहीं,” निखिल ने शांति से जवाब दिया। “तुम Reclaim, Volume Confirmation, और मुमकिन हो तो एक Test का इंतज़ार करो। Wyckoff कभी भी जल्दबाज़ी के बारे में नहीं था। इसका पूरा ज़ोर सब्र और व्यवहार को Observe करने पर था।”
सुरेश ने एक लंबी साँस छोड़ी। “मैंने ठीक उसी जगह बेच दिया जहाँ मुझे ज़्यादा ध्यान से Observe करना चाहिए था।”

डर को पढ़ने का एक नया तरीक़ा
बारिश अब कम होकरआसमान बदल गई थी। चाय वाले ने counter साफ़ किया। सुरेश अब पहले से शांत लग रहे थे।
“मुझे हमेशा लगता था कि मार्केट बुरी क़िस्मत की सज़ा देता है,” उन्होंने कहा। “अब देख पा रहा हूँ कि वह बेसब्री (impatience) की सज़ा देता है।”
निखिल मुस्कुराया। “अक्सर डर ही Spring बनाता है। अनुभवी traders देखते हैं कि Price उस पर कैसे Respond करता है।”
सुरेश ने सिर हिलाया। “मैं इसे ठीक से study करना चाहता हूँ। Ranges मार्क करना, Volume देखना और confirmation का इंतज़ार करना।”
“यह एक अच्छी सोच है,” निखिल ने कहा। “साफ़-सुथरे charts इस्तेमाल करो। Navia All In One App जैसी Platforms तुम्हें सीखते समय चीज़ें Organized रखने में मदद कर सकती हैं।”
सुरेश ने अपनी चाय ख़त्म की और अब वह पहले से ज़्यादा Confident होकर खड़े थे। “आज मैंने कुछ ज़रूरी सीखा,” उन्होंने कहा। “मार्केट ने मुझे बेवकूफ़ नहीं बनाया। मैंने बहुत जल्दी React कर दिया।”
जैसे ही वह साफ़ होते आसमान के नीचे घर की ओर चले, एक बात उनके साथ रह गई। डर अक्सर मौक़े से ठीक पहले आता है। और कभी-कभी, सबसे बेहतरीन सीख ठीक वहीं से शुरू होती है जहाँ ज़्यादातर लोग हार मान लेते हैं।
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